मकरीडी में लोकनिर्माण विभाग का सब डिवीजन बंद करना प्रदेश कांग्रेस सरकार के प्रति दुर्भाग्यपूर्ण- भाजपा विधायक प्रकाश राणा

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लडभड़ोल(हिमाचल की खबर डेस्क) जोगिन्दरनगर भाजपा विधायक प्रकाश राणा ने वीरवार को कहा कि पूर्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सब तहसील मकरीडी में लोकनिर्माण विभाग का सब डिवीजन खोला था।जिससे लगभग 15 पंचायतों की जनता को सीधा लाभ पहुंच रहा था।उन्होंने कहा कि परंतु दुर्भाग्यपूर्ण नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसे भी बंद कर दिया है।उन्होंने कहा कि जोकि यह बहुत ही निंदनीय कार्य है।उन्होंने कहा कि जोगिंदरनगर की जनता इसका विरोध करती है,और पहले ही दिन से कांग्रेस की सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।उन्होंने जो वादे किए थे की सरकार के बनने के बाद दस दिन के अंदर OPS,1500 रुपए हर महिला को और तीन सौ यूनिट बिजली फ्री कर देंगे।अब उन सभी वादों से मुकर कर रही है!उन्होंने कहा कि  जगह-जगह विभागीय कार्यालयों को बंद करके आम जनमानस की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है।उन्होंने कहा कि आज भी कांग्रेस की सरकार 90 के दशक की राजनीति कर रही है।उन्होंने कहा कि बदले की भावना से कार्य कर रही है।परंतु अब राजनीति का स्वरूप बदल चुका है राजनीति बदले से न

पूरे प्रदेश में निजी ऑपरेटरों का बसें चलाने से पूरी तरह इंकार

शिमला(हिमाचल की हर खबर)हिमाचल में निजी बस ऑपरेटर संघ की एक बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में प्रदेश के सभी जिला की यूनियन ने तय किया कि जब तक सरकार निजी बस ऑपरेटरों से बातचीत नहीं करेगी, तब तक प्रदेश में कोई निजी बस नहीं चलेगी। यूनियन ने किराया बढ़ोतरी की मांग की है।निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने बताया कि जिला की यूनियन के निवेदन पर यह तय किया है कि प्रदेश में सरकार ने एक जून से सभी बसें चलाने का फरमान जारी किया है। निजी बस ऑपरेटरों उससे  सहमत नहीं हैं। बैठक में ऑपरेटरों ने आरोप लगाया कि सरकार उनसे सौतेला व्यवहार कर रही है। बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा है कि 60 प्रतिशत क्षमता में बसें चलाना मुमकिन नहीं है। इस योजना से बस ऑपरेटर कंगाल हो जाएंगे।इसलिए सरकार बिना ब्याज ऋण उपलब्ध कराएं या कोई सरकारी राहत निजी बस ऑपरेटरों को दें। ऑपरेटरों ने एकमत से किराये में बढ़ोतरी की मांग की। निजी बसें प्रवासी मजदूरों को छोड़ने के लिए राज्य से बाहर तक सेवाएं देती रही, लेकिन सरकार ने चालकों-परिचालकों एवं बस ऑपरेटरों को कोई राहत नहीं दी, जबकि एचआरटीसी को 60 करोड़ का अनुदान दिया और उनके चालकों-परिचालकों का 50 लाख का बीमा करवाया, जिससे पता चलता है सरकार उनसे कितना सौतेला व्यवहार कर रही है।


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